छात्रवृत्ति योजना
(कक्षा 11वीं, 12वीं एंव महाविद्यालयीन)
परिचय
प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा में प्रोत्साहन हेतु यह छात्रवृत्ति प्रदाय की जाती है जिससे इस वर्ग के विद्यार्थी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें ।
पात्रता
- यह छात्रवृत्ति कक्षा 11वीं, 12वीं, महाविद्यालयों, पी.एच.डी. एवं व्यवसायिक पाठयक्रमों तक अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रदाय की जाती है ।
- आवेदक म.प्र. का मूल निवासी हो । शासकीय एवं शासकीय स्ववित्त पोषी शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आय सीमा का बंधन समाप्त किया गया है और निःशुल्क शिक्षण की व्यवस्था की गई है। अतः विद्यार्थी को पूर्ण छात्रवृत्ति की पात्रता होती है ।
- अशासकीय संस्थानों में अध्ययनरत इस वर्ग के विद्यार्थियों के अभिभावकों/माता पिता जिनकी वार्षिक आय रू. 6.00 लाख तक है ।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को पात्रता अनुसार प्रवेश एंव फीस नियामक समिति एंव निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग द्वारा निर्धारित की गई वास्तविक शैक्षणिक शुल्क का भुगतान विद्यार्थी के बैंक खाते में किया जाता है ।
आवश्यक अभिलेख
- आवेदन हेतु निम्न अभिलेखों की आवश्यकता होती हैः-
- पिछली कक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र/अंक सूची ।
- जाति प्रमाण पत्र
- मूल निवासी प्रमाण पत्र
- टी.सी
- आय प्रमाण पत्र आदि।
योजना अंतर्गत देय सहायता/ राशि
छात्रवृत्ति अंतर्गत सम्मिलित विषयों को निम्नानुसार चार समूहों में विभक्त किया गया है जिसके अनुसार छात्रवृत्ति प्रदाय की जाती है जिनकी दरें निम्नानुसार हैः-
क्र. |
समूह |
छात्रावासी |
गैर छात्रावासी |
1 |
समूह प्रथम- डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएट, मेडिकल इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एम.फिल पी.एच.डी. आदि। |
1500/-
|
550/- |
2 |
समूह द्वितीय- डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएट अन्य व्यवसायिक पाठयक्रमों यथा बी.फार्मेसी, नर्सिग, बी.नर्सिग, एल.एल.बी.आदि । |
820/- |
530/- |
3 |
समूह तृतीय- ऐसे स्नातक स्तर के पाठयक्रम जो कि ग्रूप 01 एंव 02 में सम्मिलित नहीं होते हैं जैसे बी.ए. बी.एस.सी. बी.काम आदि। |
570/- |
300/- |
4 |
समूह चतुर्थ- कक्षा11 वीं एंव 12वीं |
380/- |
230/- |
प्रक्रियाः
इस वर्ग का कोई भी विद्यार्थी छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 पर ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले सकता है।
संपर्क
सहायक आयुक्त/जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग।